शुक्रवार, 2 मार्च 2012

मृत्यु के बाद की यात्रा

यह एक रहस्य ही है कि मौत के बाद की दुनिया कैसी है। शरीर छोडऩे के बाद आत्मा कहां जाती है और क्या इस दुनिया के अलावा भी कोई दुनिया है जहां इंसान को मृत्यु के बाद कर्मफल भोगने पड़ते हैं। किस्से कहानियों में नर्क की यातनाएं और स्वर्ग के सुखों के बारे में जो सुना है वह कितना सच है।

हिंदू धर्म ग्रंथों में आत्मा की अनंत यात्रा का विवरण कई तरह से मिलता है। भागवत पुराण, महाभारत, गरूड़ पुराण, कठोपनिषद, विष्णु पुराण,  अग्रिपुराण जैसे ग्रंथों में इन बातों का बहुत जानकारी परक विवरण मिलता है।  
मौत के क्षण : क्या होता है जब आत्मा शरीर को छोड़ती है  
गरूड़ पुराण कहता है कि जब आत्मा शरीर छोड़ती है तो उसे दो यमदूत लेने आते हैं। जैसे हमारे कर्म होते हैं उसी तरह वो हमें ले जाते हैं। अगर मरने वाला सज्जन है, पुण्यात्मा है तो उसके प्राण निकलने में कोई पीड़ा नहीं होती है लेकिन अगर वो दुराचारी या पापी हो तो उसे बहुत तरह से पीड़ा सहनी पड़ती है। पुण्यात्मा को सम्मान से और दुरात्मा को दंड देते हुए ले जाया जाता है। गरूड़ पुराण में यह उल्लेख भी मिलता है कि मृत्यु के बाद आत्मा को यमदूत केवल 24 घंटों के लिए ही ले जाते हैं।

इन 24 घंटों में उसे पूरे जन्म की घटनाओं में ले जाया जाता है। उसे दिखाया जाता है कि उसने कितने पाप और कितने पुण्य किए हैं। इसके बाद आत्मा को फिर उसी घर में छोड़ दिया जाता है जहां उसने शरीर का त्याग किया था। इसके बाद 13 दिन के उत्तर कार्यों तक वह वहीं रहता है। 13 दिन बाद वह फिर यमलोक की यात्रा करता है। 
.............. शेष अगले भाग में ........

**** पिंटू ****