गुरुवार, 30 जून 2011

मांगलिक दोष की भ्रांतियां

भारतीय ज्योतिष में मांगलिक दोष की प्रचलित परिभाषा के अनुसार यह माना जाता है कि अगर मंगल ग्रह किसी कुंडली के 1,2,4,7,8 या 12वें भाव में स्थित हो तो उस कुंडली में मांगलिक दोष बन जाता है जिसके कारण कुंडली धारक की शादी में देरी हो सकती है अथवा/और उसके वैवाहिक जीवन में अनेक प्रकार की समस्याएं एवम बाधाएं आ सकती हैं तथा बहुत बुरी हालत में कुंडली धारक के पति या पत्नि की मृत्यु भी हो सकती है। इस गणना के लिए लग्न भाव को पहला भाव माना जाता है तथा वहां से आगे 12 भाव निश्चित किए जाते हैं। उदाहरण के लिए यदि किसी व्यक्ति का लग्न मेष है तो मेष, वृष, कर्क, तुला, वृश्चिक तथा मीन राशि में स्थित होने पर मंगल ग्रह उस व्यक्ति की कुंडली में क्रमश: 1,2,4,7,8 तथा 12वें भाव में आएगा और प्रचलित परिभाषा के अनुसार उस व्यक्ति की कुंडली में मांगलिक दोष बन जाएगा। मांगलिक दोष वाले व्यक्तियों को साधारण भाषा में मांगलिक कहा जाता है।

                                                          इस परिभाषा के आधार पर ही अगर मांगलिक दोष बनता हो तो दुनिया में 50 प्रतिशत लोग मांगलिक होंगे क्योंकि कुंडली में कुल 12 ही भाव होते हैं तथा उनमें से उपर बताए गए 6 भावों में मंगल के स्थित होने की संभावना 50 प्रतिशत बनती है। तो इस परिभाषा के अनुसार दुनिया में आधे लोगों के विवाह होने में तथा वैवाहिक जीवन में गंभीर समस्याएं होनी चाहिएं जिनमे तलाक और वैध्वय जैसी स्थितियां भी शामिल हैं। इस दोष के अतिरिक्त पित्र दोष, काल सर्प दोष, नाड़ी दोष, भकूट दोष जैसे कई दोष किसी व्यक्ति के वैवाहिक जीवन में समस्याएं पैदा करने में सक्षम हैं। इन सारी गणनाओं को अगर जोड़ दिया जाए तो दुनिया में कम से कम 80-90 प्रतिशत लोगों के वैवाहिक जीवन में गंभीर समस्याएं हैं जो कि न तो तर्कसंगत लगता है और न ही व्यवहारिक रूप से देखने में आता है। तो इस चर्चा का सार यह निकलता है कि मांगलिक दोष असल व्यवहार में उतनी कुंडलियों में देखने में नहीं आता जितना इसकी प्रचलित परिभाषा के अनुसार बताया जाता है। आइए अब देखें कि कुंडली के 1,2,4,7,8 तथा 12वें भाव में स्थित होने पर मंगल ग्रह क्या क्या संभावनाएं बना सकता है।

                                                         मंगल का कुंडली में उपर बताये 6 भावों में स्थित होना अपने आप में मांगलिक दोष बनाने के लिए पर्याप्त नहीं है तथा इन 6 भावों में स्थित मंगल विभिन्न प्रकार की संभावनाएं बना सकता है। इन भावों में स्थित मंगल वास्तव में मांगलिक दोष बना सकता है, इन भावों में स्थित मंगल कोई भी दोष या योग न बना कर लगभग सुप्त अवस्था में बैठ सकता है तथा इन भावों में स्थित मंगल मांगलिक योग बना सकता है। मांगलिक योग मंगल के द्वारा बनाया जाने वाला एक बहुत ही शुभ योग है जो किसी व्यक्ति के वैवाहिक जीवन को बहुत सुखमय तथा मंगलमय बनाने में पूरी तरह से सक्षम है। यहां पर ध्यान देने योग्य बात यह है कि मांगलिक दोष और मांगलिक योग के फल एक दूसरे से बिल्कुल ही विपरीत होते हैं किन्तु फिर भी ये दोनो योग-दोष मंगल के कुंडली में 1,2,4,7,8 तथा 12वें भाव में स्थित होने से ही बनते हैं। इस लिए मंगल के कुंडली के इन 6 भावों में स्थित होने का मतलब सिर्फ मांगलिक दोष का बनना ही नहीं होता बल्कि मांगलिक योग का बनना भी होता है जो किसी भी व्यक्ति के वैवाहिक जीवन के लिए बहुत मंगलकारी योग है।

                                                       इस लिए अगर आपकी कुंडली में मंगल उपर बताये गए 6 भावों में से किसी एक में स्थित है तो आप के लिए यह जान लेना आवश्यक है कि आपकी कुंडली में वास्तव में मांगलिक दोष बनता भी है या नहीं। और अगर आपकी कुंडली में मांगलिक दोष उपस्थित हो भी, तब भी कुछ महत्त्वपूर्ण बातों पर गौर करना बहुत आवश्यक है, जैसे कि कुंडली में यह दोष कितना बलवान है तथा किस आयु पर जाकर यह दोष पूर्ण रूप से जाग्रत होगा। मांगलिक दोष के बुरे प्रभावों को पूजा, रत्नों तथा ज्योतिष के अन्य उपायों के माध्यम से बहुत हद तक कम किया जा सकता है।

लेखक
हिमांशु शंगारी

रविवार, 5 जून 2011

क्या हम भारतीय है ?

क्या हम भारतीय है ? आप सोचेंगे यह कौन नहीं जानता, यह कैसा सवाल है ? तो क्या हमारी भारतीय संस्कृति हमें यही सिखाती है की हम अपने देश के साधू महात्माओ हकीमो  और पादरी जैसे महान आत्माओ के द्वारा की जानेवाली समाज सुधार्र की कोसिसो का यु अपमान होते देखे? जो सदियों से केवल समाज की भलाई के लिए ही काम करते रहे है और वो भी उस समय जब हम सब केवल भ्रस्टाचार ही नहीं अन्य बहोत सी सामाजिक बुरइयो से रोज सामना कर रहे हो ,मै यह नहीं कह रहा हु की हमें कोई उत्पात मचानी चाहिए, या हमें भी वहा पर अन्ना हजारे , या बाबा रामदेव जैसे अनसन पर बैठ जाना चाहिए, पर ज़रा सोंचिये जहा के क़ानून का पालन हमारे खून में बसा है जहा की मिटटी में हमारे पुरखो का  जीवन बीता है  क्या उस  भारत पर हमारा कोई अधिकार नहीं है क्या हम सरकार के सामने अपनी मांग भी नहीं रख सकते, कमसे कम दिल्ली के रामलीला मैदान से तो यही संकेत मिलता है जो बाबा रामदेव और उनके साथ अनसन पर बैठे अन्य निहथ्थे लोगो के साथ हुआ,  तो क्या हम भारतीय है ? यहाँ पर भारतीय केवल वो लोग है जो सरकार चलाते है या फिर वो लोग है जो सरकारी नौकरी  में अछे वहादे पर है जिनके हाथ में गरीबो की जुबान दबाने की ताकत है या फिर वो लोग है जिनके पास पैसा है और उसके बल पर वो पोलिटिसीअन को खरीद कर उनसे इल्लीगल काम कराने में सक्षम है आज हम अपने ही हक्क के लिए नहीं लड़ सकते ....ऐसा लगता है की हम पराये देश में रह रहे है जहा हमे डरे सहमे से रहना पड़ेगा, जहा पर आज भी देश की रक्षा करने के लिए गरीब से गरीब ब्यक्ति अपना सब कुछ न्योछावर कर देता है वह देश अब केवल अमीरों का है और वहां के नेता  भी केवल अमीरों के सेवक  है .............. यही सोंच आज आम आदमी की होती जा रही है ........तो क्या हम भारतीय है ?.......क्या हमे अपने हक्क के लिए नहीं लड़ना चाहिए? या फिर अपने हक्क की लड़ाई केवाल दूसरो के भरोसे ही छोड़ देनी चाहिए क्यों नहीं हम और आप आज से एक ऐसी आगाज करे की हम भी भारतीय कहलाने के योग्य हो हमारी बाते सरकार के कानो तक यदि पहुचे तो उसपर अमल हो ...क्यों की सरकार आखिर हमारी सेवा के लिए ही तो है ......... और यदि हममे अपने हक्क की लड़ाई का भी सामर्थ्य नहीं है तो .......तो जरूर विचार कीजियेगा की ....क्या हम भारतीय है?..... और आप चाहते है आपके अपने बच्चे भी यही प्रश्न  दुहराए? ........ चलो एक नए भारत की सुरुआत करे जहा पर हम गर्व से कह सके की हम भारतीय है और अपने बच्चो को भारतीय होने की सौगात दे......... **** पिंटू ****